Wednesday, September 18, 2013

राजस्थान के हडौती क्षेत्र में विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी का भाषण



  नमस्कार... गुरूदास काम्थ जी, अशोक गहलोत जी, चन्द्रभान जी, सी पी जोशी जी, सचिन पायलट जी, जितेन्द्र सिहं जी, लालचन्द कटारिया जी, नमोनारायण मीना जी, श्री जयराज सिंह जी, अशोक तंवर जी, शांति धारीवाल जी, गिरी राज जी, जितेन्द्र जी, निजामुद्दीन जी, प्रमोद भय्या जी, अशोक जी, शकुंतला जी, मुकेश भाटकर जी, सुरेश चौधरी जी, उर्मिला जैन जी, कांग्रेस पाट्री से हमारे सब कार्यक्रता, युवाओं और भाईयों और बहनों आप सब का यहां बहुत बहुत स्वागत.. नमस्कार
हडौती की वीर भुमि को मैं नमन करता हुँ, आज हमारे सामने राजनीति में दो तरीके की सोच है, एक तरीके की सोच कांग्रेस पाट्री की सोच है, और दुसरी  विपक्ष की सोच, और मैं थोरा सा इसके बारे में आपको बताना चाहता हुं। हम कहते है कि हिन्दुस्तान को आगे बढाना है। कहते है कि सडको की जरूरत है पुलों की जरूरत है, रेलवे लाइन की जरूरत है, पॉवर प्लांट की जरूरत है । हम कहते है कि इंफ्रास्टकचर जरूरत है और इसी बात को विपक्ष भी मानता है। जब वो आपको भाषण देते है, तो कहते है कि विकास लाना है, सडक बनानी है, रेलवे लाइन लानी है, पुल बनाने है वो भी ये बात करते है। इस बात को दोनो पाट्रियां मानती है। हम एक और सवाल उठाते है, हम कहते है कि अगर सडक बन गई, रेलवे लाइन बन गई तो जो वो उस सडक पर चलेगा, जो उस रेल में चलेगा उसके पेट में खाना होना चाहिए। उसके पास रोजगार होना चाहिए, और वो कहते है कि बडे लोग इन सडको पर चले, इन हवाई जाहजों पर चढे और जो आम आदमी है वो भुखा रहे। सपनों की बात होती है हम कहते है कि हिन्दुस्तान के गरीब से गरीब को सबसे बडा सपना देखना चाहिए। चाहे वो छोटा सा मजदूर हो, हम कहते है कि उसको हवाई जहाज को देखना चाहिए और कहे कि एक दिन मेरा बेटा इस जहाज को चलाएगा। ये हमारी सोच है और उनकी सोच है कि मजदूर जमीन पर काम करे, पेट में खाना ना हो, रोजगार ना हो वो उपर की और देखे और कहे भय्या मेरा बेटा उस जहाज में कभी नहीं जा सकता। हम ऐसा हिन्दुस्तान नहीं चाहते है। हम चाहते है कि गरीब से गरीब आदमी बडे से बडा सपना देख पाए। ये जो महिलाए यहां आई है  हम चाहते है कि आप अपने बच्चों के लिए दुनिया का सबसे बडा सपना देख पाए। नहीं तो हमारे लिए राजनीति में कोई रूची नहीं है।  इसलिए मैं यहां खडा हुं। क्योंकि कि मैं इस बात को मानता हुं कि जो लोग, महिलाए यहां आई है आप इस देश की शक्ति हो। अगर ये देश आगे जाएगा तो आपके सपनों से जाएगा।  और अगर हमनें आपको सपने देखने नहीं दिए तो ये देश आगे जा ही नहीं सकता। सिधी बात है वो कहते है चुने हुए लोगों को सपना देखना चाहिए  पांच सौ लोग हो हजार लोग हो वो हिंदुस्तान को चलाएं और बाकी लोग भूखे रहे। यह जो पांच सौ लोग है वह हवाई जहाजों में उडे, ये बडे-बडे गाड़ियों में चले। जैसे लोग छत पर देख रहे है वैसे बाकी हिंदुस्तान के  लोग उनको देखते रहे। भइया यह हो क्या रहा है? ये उनकी राजनीति है और यह हमारी राजनीति नहीं है और कभी नहीं होगी क्योंकि यह कांग्रेस पार्टी है। हमारी राजनीति आपके सपनों की राजनीति है। जब हमने रोजगार योजना चालू की तो हमने कहा देखों सपना है सभी को रोजगार देगा और विपक्ष के लोग खड़े हो गए और पार्लियामेंट हाउस में हमसे सवाल पूछा, मै पार्लियामेंट हाउस में बैठा था और भाषण चल रहा था। किसी नेता ने कहा भईया पैसा कहां से आएगा? पैसा नहीं है योजना के लिये। जब किसी गरीब व्यक्ति से जमीन छिन्नी होती है तो बहुत आसानी से काम हो जाता है। मगर जब गरीब को रोजगार देने की बात होती है तो विपक्ष के लोग पूछे कि पैसा कहां से आएगा? हमने दिखा दिया कि पैसा कहां से आएगा और लाखों लोगों को रोजगार देकर दिखा दिया। पिछली मिटिंग मे सवाल उठा गिरिजा व्यास जी ने भाषण मे कहा कि एक नारा हुआ करता था नारा था आधी रोटी खाएंगे और कांग्रेस को लाएंगे। याद है आपको यह नारा? चलता था पहले। अब कांग्रेस पार्टी ने इस नारे को बदल दिया। खाद्य सुरक्षा विधेयक लाए और यह नारा बदल गया। अब आपको मालूम होना चाहिए कि पेट भरके खाएंगे और कांग्रेस पार्टी को लाएंगे और विपक्ष इसके पहले क्या कहा भईया फिर वही सवाल पैसा कहां से आएगा।
जब हमारे लोग भोजन की बात करते है तो विपक्ष कहता है कि भईया पैसा कहां से आएगा। जब किसी को कोई माइंड़ देनी होती है या किसी बड़े बिजनेसमैन को जमीन देनी पड़ती है तो यह सवाल नहीं उठता। वो कहते है भईया यह लिजिए जमीन। देखिए जब अमीर व्यक्ति होता है, जब उससे जमीन लेनी होती है तो क्या होता है। उनके पास जाता है कहता है भईया आपकी जमीन कि कीमत क्या है और वो कहता है कि भईया मेरी जमीन की किमत यह है। और दूसरा व्यक्ति उसको पैसा देता है और जमीन लेता है। सहीं बात है न? जमीन अधिग्रहण बिल से पहले हिंदुस्तान में कहीं भी सरकार किसी भी तरह गरीब लोगों से जमीन ले सकती थी। नुकसान किसका होता था किसान का नुकसान होता था। वह रोज पसीना देता है अपना और लगा रहता है और एक दिन कोई आता है और कहता कि यहां पर आपकी जमीन ली जा रही है। ये बात हमने बदली है।  क्यो बदली है क्योंकि हम चाहते है कि किसान का बेटा बडे बडे सपने देख पाए, यह कानून हम इसलिए लए है। किसानों को शक्ति दी है। आज का जो खून है पसीना है जो आप दे रहे हो, उसका व्यवहार किया है इसलिए हम ये कानून ले कर आए है। राजस्थान की सरकार ने क्या किया, गरीबी का सबसे बडा कारण बिमारी है । यहां जो मजदूर होते है वो आपको बतायगें कि मजदूर दो दिन काम करता है और फिर बिमार हो जाता हैं। फिर वो दवाई खाता है, जो कुछ पिछले दो तीन दिनों में उसको पैसा मिला वो दवाइयों में चला जाता है। और पुरी जिंदगी वो यही करता है। दो दिन काम करता है दो दिन दवाई खाता है। आज राजस्थान में उस गरीब को मुफ्त दवाई दी जा रही है और ये सिर्फ यही नही है धीरे धीरे ये पुरे भारत में होगा। हम चाहते है कि गरीब खडे हो, बडे बडे सपने देखे और इसलिए हमनें यहा सिचाई का काम किया है।  पहले एक फसल होती थी अब दो या तीन फसलें होगी। किसको फायदा होगा, पुरे भारत को फायदा होगा, यहां के किसान को फायदा होगा। विफक्ष के लोगो ने क्या कहा था, कि ये काम नहीं किया जा सकता। नरेगा के बारे में कहा, फूड सिक्योरिटी के बारे में कहा, जमीनी अधीकरण बिल के बारे में कहा , संसद को रोका, हर रोज वहा पर तमाशा किया। चुनाव हार गए फिर संसद में रोकने की कोशिश की मगर नहीं रोक पायगें। हम हमेशा काम कर के दिखाएगें और करते रहेगें। सिर्फ सिचाई का काम नहीं किया लोगो को पिने का पानी दिया, इससे बडा काम कोई नहीं है। अभी मैं पॉवर प्लांट खोलने गया, वहा वो मुझे बता रहे थे कि इतने मेगा पॉवर प्लांट हमने चालू किये है तो मैने उनसे कहा कि भय्या देखिये जो आम आदमी होता है वो ये बात नहीं समझता, आप मुझे सीधा बताओ ये मेगा वॉट ना बताओ, ये बताओ कि हमारी जनता को क्या फायदा होगा। आम आदमी को अगर ये बात समझानी हो कि हमनें बिजली में पिछले पांच सालों मे क्या किया या पिछने दस सालों मे क्या किया तो उसको क्या बोलना है। तो उसने बताया कि राहुल जी जितनी बिजली दस साल पहले बनती थी उससे तीन गुणा ज्यादा आज बन रही है। आज पुरा राजस्थान बिजली से जगमग हो रहा है। तो ये काम भाषणों से नहीं होता, कोई भी आकर यहां कह सकता है कि भय्या मैं बिजली दूगां, पानी दूगां। हम यहां बडे भाषण नहीं कर रहे है, जो भी हमने कहा, वो चाहे नरेगा की बात की, भोजन के अधिकार की बात की, सिचाई की बात की, बिजली की बात की हमने कर के दिखाया। ये फर्क है हम में और उनमें ।
आप यहां दूर दूर से आए, मैं अंत में आपको ये बात बोलना चाहता हुं कि देखिए ये युवाओ का देश है। इस देश में ज्यादा से ज्यादा युवा गरीब है। उनके पास बहुत से सपने है। कोई रोजगार चाहता है, कोई रेल चलाना चाहता है, कोई पायलट बनना चाहता है, कोई बिजनेस चालू करना चाहता है। अगर सरकार उनका हाथ नहीं पकडेगी, भोजन का अधिकार नहीं देगी, रोजगार का अधिकार नहीं देगी तो उनके ये सपने पुरे नहीं होगें। हम इस काम को पुरा करना चाहते है। जब हम 21 वी सदी की बात करते है, 21 वी सदी का मतलब है कि देश में गरीब से गरीब व्यक्ति का सपना पुरा हो रहा है तब हम समझेगें की ये 21 वी सदी है। और ये काम हम कर के दिखाएगें आपके साथ। और कैसे कर के दिखाएगें ये हम आपको बता दे, आज कल क्या होता है सरकारे दिल्ली से चलती है जयपुर से चलती है, लेकिन हम चाहते है कि आप लोग गवरनर्स में शामिल हो, कसबों गावों मे जो काम करना है वो आप करे। इसीलिए हम पंचायती राज लाए है। ताकि आप सब अपने भविष्य को तय करे। आप सब भारत को आगे बढाए क्योंकि ये काम सिर्फ आप कर सकते  है। ये जो महिलाएं, और युवा यहां बैठे है ये काम आपको करना है। और ये काम हम आपके साथ करना चाहते है। आप दूर दूर से आए इसलिए आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद... गरमी मे आप बैठे, आपको बहुत गिक्कत का सामना करना पडा, इसके लिए मैं आपका आभारी हुं.. आपका बहुत बहुत धन्यवाद...

 

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